क्या आपने कभी महसूस किया है कि आपके माता-पिता, बड़े बुजुर्ग अक्सर जोड़ों में दर्द, घुटनों में दर्द या एड़ियों में सूजन की शिकायत करते रहते है। ऐसे में उनकी शिकायत को नजरअंदाज करना कभी-कभी बहुत नुकसानदायक साबित हो जाता है। इस प्रकार के लक्षण शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ने की ओर इशारा करते है। यूरिक एसिड की मात्रा यदि इंसान के शरीर में तय सीमा से ज्यादा हो जाए तो यह कई प्रकार की गंभीर बीमारियों को उत्पन्न कर देता है। जैसे : गठिया, किडनी स्टोन, हार्ट की समस्या इत्यादि| इसलिए यूरिक एसिड को नियंत्रण में रखना बहुत ही जरुरी होता है।
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यूरिक एसिड बढ़ने के कारण, लक्षण एवं घरेलू उपचार Uric Acid badhne ke karan, lakshan evam gharelu upchar
क्या है यूरिक एसिड?(What is Uric Acid in hindi)
यूरिक एसिड इंसान के रक्त में पाया जाने वाला एक अपशिष्ट पदार्थ है जो खाद्य पदार्थों के पाचन से उत्पन्न होता है। इसमें प्युरिन नामक एक ऐसा रसायन उपस्थित रहता है जिसके टूटने से ही इसका निर्माण होता है। हमारे दैनिक जीवन में कुछ खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थों में बड़ी मात्रा में प्युरिन पाया जाता है जो शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा/स्तर को बढ़ता है। जैसे:-समुद्री भोजन (विशेष रूप से झींगा मछली, सार्दिन, सामन) सूखे सेम, बीयर, रेड मीट, एंकोनी, मैकेरल इत्यादि। इसके अतिरिक्त प्युरिन स्वाभाविक रूप से भी शरीर के अंदर निर्मित होता है।
जैसा कि आप जानते है की हमारे शरीर में किडनी यूरिक एसिड को छानने यानि फ़िल्टर करने का काम करता है और मूत्र के जरिए शरीर से बाहर निकाल देता है। यदि आप भोजन में बहुत अधिक मात्रा में प्युरिन का सेवन करते है या आपकी किडनी यूरिक एसिड को अच्छी तरह छानकर शरीर से बाहर नही निकाल पाता है, तो ऐसी स्थिति में शरीर में इस एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है, जो रक्त में घुल कर शरीर के विभिन्न अंगों तक फ़ैल जाता है। इस स्थिति को चिकित्सीय भाषा में हाइपरयूरिसीमिया कहा जाता है।
यूरिक एसिड का नार्मल स्तर/लेबल क्या होता हो? (Uric Acid ka normal lebal hai in hindi)
रक्त में यूरिक एसिड सामान्य स्तर/लेबल पुरुषों और महिलायों में अलग-अलग होती है यदि यूरिक एसिड इस लेबल से अधिक होता है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए।
- महिलायों में 1.5 से 6.0 mg/DL
- पुरुषों में 2.4 से 7.0 mg\DL
यूरिक एसिड बढ़ने के क्या कारण होते है? (Uric Acid badhne ke kya karan hote hai in hindi)
वैसे तो ये आम धारणा है की भोजन के कारण ही यूरिक एसिड बढ़ता है, लेकिन ऐसा नही है। भोजन के अलावे और भी कई सारे कारण है जो शरीर में इसके स्तर/मात्रा को बढ़ा देते है। तो आइये जानते है किन-किन कारणों से यूरिक एसिड बढ़ता है।
1. अनियमित खान-पान एवं जीवनशैली :-
खान-पान और जीवनशैली में बदलाव के कारण शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। अत्यधिक मात्रा में रेड मीट, सी फ़ूड, मशरूम, अरबी, राजमा इत्यादि का सेवन यूरिक एसिड के बढ़ने के लिए उत्तरदायी होता है।
2. लो फैट फ़ूड यानि कम चिकनाई युक्त भोजन का सेवन :-
आपने देखा होगा कि कई लोग अपने शरीर को स्लिम रखने के लिए घी, तेल आदि का सेवन या तो बंद कर देते है या बिल्कुल कम लेते है, जोकि बहुत ही गलत है। इस प्रकार के भोजन से शरीर में आवश्यक फैट (वसा) का लेवल कम हो जाता है जिससे कारण भी इसके बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
3. Health डिसऑर्डर :-
यदि किसी कारण वश आपकी किडनी सही रूप से काम नही कर रही हो, या ख़राब हो रही हो तो, ऐसे में फिल्ट्रेशन का काम भी सुचारू रूप नही हो पायेगा। जिसके कारण यूरिया Uric Acid में परिवर्तित होने लगता है और यह धीरे-धीरे हड्डियों के जोड़ों के बीच जमा होने लगता है। जो आगे चल कर गाउट का कारण बनता है। अगर आप डायबीटीज या ब्लडप्रेशर के मरीज है तो आपके शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ने की संभावना प्रबल होती है क्योंकि इन रोगों के इलाज में जो दवा इस्तेमाल की जाती है उसके components में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते है, जो यूरिक एसिड को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
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4. मोटापा :-
शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ने के मुख्य कारणों में से एक कारण है मोटापा। ऐसा देखा गया है कि मोटे लोगों में सामान्य लोगों की तुलना में इसकी मात्रा अधिक पायी जाती है, क्योंकि मोटे लोगों की किडनी कमजोर होती है। जिससे वह सही रूप से काम नही करती है। परिणामस्वरूप फिल्ट्रेशन का काम पूरी तरह से नही हो पाता है और यूरिक एसिड शरीर में बढ़ने लगता है।
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5. पानी का कम सेवन :-
जैसा कि आप सब जानते है कि एक इंसान को स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन कम से कम 3 से 4 लीटर पानी का सेवन अवश्य करना चाहिए। यदि हम पानी का सेवन कम करते है, तो इससे हमारी यूरिनरी सिस्टम में गड़बड़ी हो जाती है। जिसके कारण भी यूरिक एसिड शरीर में एकत्रित होने लगता है।
6. अत्यधिक तनाव :-
जैसे कि आप सब जान चुके है कि यूरिक एसिड हमारे Lifestyle (जीवनशैली) में परिवर्तन के कारण भी बढ़ता है। एक सर्वे के मुताबिक जो लोग अधिक तनाव लेते है उनके शरीर में भी यूरिक एसिड बढ़ने की संभावना प्रबल रहती है। विशेषज्ञों का ऐसा मानना है की अधिक तनाव की स्थिति में इंसान अनिद्रा से पीड़ित हो जाता है जिससे शरीर में इंफ्लामेशन बढ़ जाता है। इंफ्लामेशन भी यूरिक एसिड बढ़ाने वाले कारको में से एक है।
7. उच्च प्रोटीन वाले फ़ूड :-
इसके अलावे और भी कुछ कारण है जिसके कारण शरीर में यूरिक एसिड का स्तर/मात्रा बढ़ता है।
- अत्यधिक शराब का सेवन।
- थायरायड का असंतुलन।
- शरीर में आयरन की मात्रा अधिक होना।
- हमेशा उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) बना रहना।
- मेटाबॉलिज्म की गति कम हो जाना।
- आवश्यकता से अधिक व्यायाम करना।
- त्वचा रोग (सोरायसिस) का होना।
- कैंसर और कीमोथेरेपी के कारण।
- आवश्यकता से ज्यादा उपवास या डाइटिंग।
- कैंसर जैसी बीमारियों मे शरीर की कोशिकाओं का बढ़ जाना।
यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण क्या है? (Uric Acid badhne ke lakshan)
आमतौर पर यूरिक एसिड बढ़ने का लक्षण स्पष्ट रूप से दिखायी नही देता है, लेकिन कुछ शारीरिक परिवर्तन यूरिक एसिड के बढ़ने की ओर संकेत देते है। जैसे :-
- पैरों के जोड़ों एवं घुटने में दर्द होना।
- अँगुलियों के गांठो में सूजन होना।
- एक ही स्थान पर कुछ देर तक बैठे रहने के पश्चात् उठने के दौरान असहनीय दर्द होना।
- मूत्र की समस्या होना यानि बार-बार मूत्र का आना या मूत्र में रक्त का आना, या असामान्य गंध का आना।
- किडनी में पथरी का होना।
- हड्डियों के जोड़ों के आस-पास की त्वचा का बेजान दिखना।
यूरिक एसिड बढ़ने से कौन-कौन सी परेशानियां हो सकती है? (Uric Acid badhne se kaun-kaun si pareshaniya ho sakti hai)
सामान्य तौर पर यूरिक एसिड पुरुषों में 3.4-7.0 mg/dl एवं महिलायों में 2.6 -6.0 mg/dl होना चाहिए। यदि इस तय-मानक से यूरिक एसिड की मात्रा शरीर में बढती है, तो तरह-तरह की परेशानियां उत्पन होने लगती है।
- शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ने से जोड़ों में दर्द एवं सूजन होने लगता है।
- हाथ एवं पैरों की उंगलियों में सूजन होना या फिर जोड़ों में गांठ बन जाना।
- उच्च रक्तचाप का खतरा बना रहना।
- किडनी की परेशानी।
- पथरी/Stone की परेशानी।
यूरिक एसिड कम करने के उपाय (Uric Acid kam karne ke Upay)
अक्सर यह देखा जाता है की यूरिक एसिड आनुवांशिकता, Health Disorder के साथ-साथ असंतुलित भोजन एवं जीवनशैली के प्रभावों के कारण बढ़ता है। अत: हम अपने जीवनशैली और भोजन में कुछ परिवर्तन कर लें तो बहुत हद तक यूरिक एसिड की मात्रा/स्तर को नियंत्रित कर सकते है। तो आइये जानते है कि कैसे हम यूरिक एसिड के बढे हुए मात्रा/स्तर को कम कर सकते है।
* सर्वप्रथम जिस व्यक्ति के शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो गई हो उन्हें उच्च प्युरिन युक्त एवं उच्च प्रोटीन वाले भोजन का सेवन तत्काल बंद कर देना चाहिए।
- मछलियाँ, केकड़ा, झींगा, जैसे समुद्री जीवों का सेवन बंद कर दे या कम से कम कर दे।
- High Fructose युक्त पदार्थों का सेवन ना करें या कम से कम करें।
- उच्च शुगर युक्त पदार्थों का सेवन ना करें या कम से कम करें।
- हरी सब्जियों एवं मौसमी फलो का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें।
- Low fat dairy product (कम वसा युक्त डेयरी प्रोडक्ट्स) का सेवन करें।
- ग्रीन टी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें।
यूरिक एसिड के उच्च स्तर को नियंत्रित करने के घरेलू उपचार (Uric Acid ke uchh astar ko niyantrit karne ke gharelu upchar)
सामान्यत: यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए लोग ज्यादातर घरेलू उपचार को आजमाते है। तो आइये जानते है कि कौन-कौन से घरेलू नुस्खे और उपचार है, जिससे इसके बढ़े हुए स्तर या मात्रा को कम किया जा सकता है।
1. एप्पल साइड विनेगर(सेव का सिरका) :-
सेव के सिरका का प्रयोग कई बीमारियों को दूर करने में किया जाता है। यह एक प्राकृतिक क्लींजर और Ditoxifier की तरह कार्य करता है। इसमें मौलिक रूप से एसिड विद्यमान रहते है जो शरीर में उपस्थित यूरिक एसिड को तोड़कर कर बाहर निकालने में सहायक होता है। एक ग्लास पानी में दो चम्मच सिरका का मिश्रण प्रतिदिन दो बार सेवन करें। इससे आपका यूरिक एसिड कम हो जायेगा।
2. नींबू का रस :-
3. हाई फाइबर वाले फूड्स :-
4. जैतून का तेल (Olive Oil) :-
5. पोटैशियम युक्त भोजन :–
6. पानी का भरपूर सेवन :-
शरीर को हाईड्रेट रखकर हम यूरिक एसिड के मात्रा को कम कर सकते है। शरीर से इसे बाहर निकालने के लिए उचित मात्रा में पानी का शरीर में होना बहुत ही जरुरी होता है।इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन कम से कम 3 से 4 लीटर पानी अवश्य पीना चाहिए।
7. बेकिंग सोडा :-
बेकिंग सोडा यूरिक एसिड के बढ़े हुए मात्रा को कम करने की रामबाण दवा है। इसकी प्रकृति क्षारीय होती है, जिससे यह यूरिक एसिड के संचय को नियंत्रण में रखता है। इसके परिणामस्वरूप यूरिक एसिड के कारण होने वाले विकार भी स्वत: नियंत्रित हो जाते है।
8. बथुआ का साग :-
बथुआ में आयरन भरपूर मात्रा में मौजूद रहता है, जो शरीर में ब्लड के स्तर को पर्याप्त बनाये रखने में मददगार साबित होता है। इसके सेवन से शरीर में मौजूद टॉक्सिक पदार्थ भी आसानी से बाहर निकल जाता है। उच्च यूरिक एसिड के कारण होने वाली बीमारी गठिया के मरीजों के लिए भी इस साग का सेवन फायदेमंद माना जाता है।
9. अश्वगंधा :-
अश्वगंधा शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी जड़ी-बूटी है। इसके इस्तेमाल से कई बीमारियों को दूर किया जा सकता है। इसमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण शरीर में सूजन और दर्द को कम करने के लिए बहुत उपयोगी होता है। प्रतिदिन इसका सेवन यूरिक एसिड को कम करने में बहुत कारगर होता है।
10. जामुन का सेवन :-
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डिस्क्लेमर :- आर्टिकल में सुझाए गए घरेलू उपाय के तरीके केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं| इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
धन्यवाद
Very good mam such a very nice information.