भारत के अधिकांश राज्यों में आजकल भीषण ठंड और शीतलहर चल रही हैं। अत्यधिक ठंडा मौसम न केवल असुविधाजनक होता है बल्कि कई तरह की स्वास्थ समस्यानों का कारण भी बन सकता है। यही वजह है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस मौसम में सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की सलाह देते हैं। बच्चे-बुजुर्गों के साथ युवाओं की सेहत पर भी अत्यधिक ठंड-शीतलहर का दुष्प्रभाव हो सकता है। मौसम बदलने पर लोग बीमार हो जाते हैं क्योंकि तापमान में बदलाव के कारण वायरस पनपते हैं जो फिर बीमारियाँ फैलाते हैं।
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सर्दी के मौसम में स्वास्थ से संबंधित परेशानियां Sardi ke mausam me swasth sambandhit paresaniya in hindi
सर्दी के मौसम में कुछ आम परेशानियाँ/बीमारियाँ होती रहती है, जिनमें से कुछ आम तो कुछ गंभीर प्रकृति के हो सकते है यहाँ कुछ प्रमुख्य सर्दी के मौसम से जुड़ी स्वास्थ से परेशानियाँ/बीमारियाँ के बारे में जानकारी दी जा रही है।
सर्दी के मौसम में होने वाली परेशानियाँ
सर्दी और कफ
ज्यादातर लोग सर्दी-जुकाम, खांसी, और गले में खराश की समस्याओं से परेशान हो सकते हैं। अदरक खांसी के लिए एक लोकप्रिय घरेलू उपचार है, जो सूजनरोधी के रूप में भी काम करता है। एक कप गर्म अदरक की चाय आपकी कफऔर गले की खराश को कम कर सकती है। इसके साथ ही आप लहसुन का उपयोग भी कर सकते है, यह सर्दी से लड़ने में मदद करता है। कच्चा शहद अपने उपचार गुणों में बहुमुखी होता है। खासकर श्वसन संबंधी शिकायतों में। इसमें जीवाणुरोधी, एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो खांसी की तीव्रता और अवधि को कम करने में मदद कर सकते हैं।
फ्लुएंजा (फ्लू)
सर्दी के मौसम में इंफ्लुएंजा वायरस के कारण फ्लू हो सकता है. इसमें बुखार, शरीर दर्द, थकान, और साइनस समस्याएं शामिल हो सकती हैं.
निमोनिया
यह एक गंभीर फेफड़ों की संक्रमण है जो सर्दी के मौसम में हो सकता है. यह ऊपरी श्वासनली में सूजन, बुखार, और श्वास कठिनाई के साथ आता है.
ब्रोंकाइटिस
सर्दी के मौसम में हड्डीयों के पास होने वाले ब्रोंकाइटिस, जिसे फेफड़ों की श्वासनली में सूजन के साथ जाना जाता है, एक आम समस्या है.
थ्रोट इन्फेक्शन
- गले में सूजन और खराश के साथ गले में इन्फेक्शन हो सकता है.
- ठंढ में शरीर और स्कल्प में रूखेपन की वजह से खुजली होती है। सरसों और तिल का तेल लगा कर स्कल्प व शरीर की मसाज करे।
- इस मौसम में नारियल का तेल शरीर में लगाने से तुरंत आराम तो मिलता है, पर यह ड्राईनेस बढाता है।नारियल के बजाय तिल या सरसों का तेल इस्तेमाल करे। अक्सर लोग ठंढ में नारियल का तेल ही शरीर पर लगाते है।ठंढ के अलावा किसी भी मौसम में नारियल तेल लगाय, मगर जाड़े मे तिल या सरसों का तेल ही फायदा करेगा।
- दूध में रोज हल्दी मिला कर पिये।200 मि.ली. गरम दूध में चुटकी भर हल्दी पाउडर डाल कर पीने से सिर, बदन, आंखो और कानो की खुजली भी खत्म हो जायगी। इसे खाली पेट या रात में सोते समय पी सकते है।
- हल्दीवाला दूध एंटी एलर्जिक मेडिसिन की तरह है। यह शरीर में होनेवाली कई तरह की एलर्जि को ख़त्म करने में बहुत मददगार है। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। स्किन में चमक आती है।
- खासी जुकाम है तो दूध में चुटकी भर काळी मिर्च पाउडर डाल कर पीये। हल्दीवाला दूध वाइरल इन्फेक्शन में भी फायदेमंद होता है।
- शरीर में खुजली होने पर नीम की पतियों को पानी में उबाल कर उससे नहाये। एक बड़ी बाल्टी (6 ली.) पानी में 10 ग्राम हल्दी, 10 ग्राम फिटकिरी और 10 ग्राम सेंधा नमक डाल कर नहाने से स्किन में खिचाव और खुजली नही होती है।
- सर्दियों में होठ फटने पर वैसलीन नही घर का बना वाइट मक्खन लगाना चाहिय कोमलता बनी रहती है।
हेलो दोस्तों, मै नवेदिता कुमारी “अच्छी and healthy जानकारी” की author हूँ | मेरे इस ब्लॉग पर आपको heath, beauty, lifestyle, Devotional (धार्मिकता से जुड़े), curiosity से जुड़ी सभी जानकारी मिलेगी, जिसे आमतौर पर आप google में ढूढ़ते है |
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