Kumbh Mela:- कुंभ मेला विश्व प्रसिद्ध मेला है, जो भारत में अपनी संस्कृति, कला, सामाजिक और धार्मिक महत्व को दर्शाता है। कुंभ मेला 12 वर्षों में एक बार आयोजित होता है। यह मेला अपने आप में अद्वितीय है और हिन्दू धर्म के मानने वालों के लिए एक आस्था का प्रतीक है। यह मेला भारत में चार स्थानों उज्जैन, नासिक, हरिद्वार और प्रयागराज (इलाहाबाद) में प्रत्येक चार वर्षों के बाद मनाया जाता है। मान्यता है कि अमृत मंथन के समय जब भगवन विष्णु जी अमृत का कलश लेकर जा रहे थे, तो असुरों से झगड़े के दौरान हाथापाई होने लगी और उसी समय अमृत कि चार बूंदे छलकी, जो इन्ही चारों स्थानों पर गिरी। जिसके कारण यहाँ कुंभ मेले का आयोजन होता है और इनमें नहाने से मोक्ष कि प्राप्ति होती है। गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का जहाँ मिलन होता है, उसे “संगम” कहा जाता है और संगम को तीर्थराज माना जाता है, अर्थात तीर्थों का राजा। इस बार महाकुंभ 2025 इन्ही संगम के तट पर प्रयागराज में मनाया जा रहा है। यहाँ पर तपस्वी महायोगी, साधु-संत और आम जनता सभी के लिए व्यवस्था की जाती है।
यह मेला अपने शाही स्नान के लिए भी प्रसिद्ध है। यह मेला 2 महीने के आस-पास चलता है। इस मेले में तंबू, झोपडी, चबूतरे, स्नानागार और शौचालय की व्यवस्था भी की जाती है, जिससे लोगों को सुविधा हो सके। जगह-जगह पर पेयजल की भी व्यवस्था की जाती है, जिससे यहाँ आने वालों लोगों को असुविधा ना हो। महाकुंभ में नागा साधुओं या अवघढ साधुओं को देखना अपने आप में एक अचंभा है, क्योंकि ये साधु अपने नंगे शरीर को राख से ढके हुए और लबे बालों वाले होते है। इस मेले में ही अगल-अलग तरह कि संस्कृति और कलाओं का प्रदर्शन भी देखने को मिलता है।
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Kumbh Mela: शाही स्नान क्या है और इसे कब मनाया जायेगा ?
कुंभ मेला 2025 की शुरुआत 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा स्नान से हुई और इसका समापन 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के साथ होगा। कुंभ मेला में “शाही स्नान” का मतलब है, मुख्य-मुख्य पर्वों की तिथियों पर होने वाला स्नान। इसकी मुख्य तिथियाँ निम्नलिखित प्रकार से है :-
- पहला शाही स्नान : (पौष पूर्णिमा 13 जनवरी 2025 )। इस दिन का स्नान पहला शाही स्नान होता है और इसमें लाखों कि संख्या में श्रद्धालु लोग भाग लेते है।
- दूसरा शाही स्नान : (मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025)। मकर संक्रांति के दिन जो स्नान होता है, उसे शाही स्नान कहते है, क्योंकि पूरे एक महीने के खरमास के बाद मकर संक्रांति का स्नान पवित्र स्नान माना जाता है। इस दिन का स्नान दूसरा शाही स्नान होता है और इसमें लाखों कि संख्या में श्रद्धालु लोग भाग लेते है। मान्यता है कि इस दिन स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
- तीसरा शाही स्नान : (मौनी अमवस्या 29 जनवरी )। मौनी अमावस्या का शाही स्नान बहुत ही पवित्र स्नान माना जाता है, क्योंकि इस दिन का व्रत मौन रह कर किया जाता है। इसमें भी लाखों साधु और श्रद्धालु लोग भाग लेते है।
- चौथा शाही स्नान : (बसंत पंचमी 3 फरवरी 2025)। माघ मास कि शुक्ल पक्ष कि पंचमी तिथि के दिन माँ सरस्वती कि पूजा कि जाती है और इसी दिन चौथा शाही स्नान भी मनाया जाता है, जिसमे लाखों कि संख्याओं में श्रद्धालु भाग लेते है।
- पाँचवा शाही स्नान : (माघ पूर्णिमा 12 फरवरी 2025)। माघ मास कि पूर्णिमा तिथि बहुत ही पवित्र मानी जाती है। इसलिए इस दिन भी शाही स्नान की महता बहुत है।
- छठा शाही स्नान : (महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025)। फाल्गुन मास कि त्रयोदशी तिथि को भगवान शंकर जी और माता पार्वती जी का विवाह होता है, ऐसे में इस दिन का शाही स्नान अतिविशिष्ट और शुभ फलकारी होता है। साथ ही ये शाही स्नान कुंभ का अंतिम स्नान होता है, जिससे इस स्नान में लाखों-लाखों कि संख्या में लोग इकट्ठे होते है और इसका लाभ उठाते है।
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Kumbh Mela : कुंभ मेला 2025 के शाही स्नान का शुभ मुहूर्त
शाही स्नान के दिन श्रद्धालु इस शुभ मुहूर्त में पवित्र संगम में डुबकी लगा सकते है :
- ब्रह्म मुहूर्त– सुबह 5:27 बजे से लेकर 6:21 बजे तक ।
- विजय मुहूर्त– दोपहर 2:15 बजे से लेकर 2:57 बजे तक रहेगा ।
- गोधूलि मुहूर्त– शाम 5:42 बजे से लेकर 6:09 बजे तक रहेगा ।
- निशिता मुहूर्त– रात 12:03 बजे से लेकर 12:57 बजे तक रहेगा ।
Kumbh Mela : कुंभ मेला 2025 के शाही स्नान के नियम
महाकुंभ में शाही स्नान के कुछ नियम है, जिन्हें पालन करना जरुरी होता है। शाही स्नान में पहली प्राथमिकता नागा साधुओं के स्नान को दी जाती है। मान्यता है कि आम लोगो को नागा साधुओं के बाद ही स्नान करना चाहिए, जिससे उनका भी आशीर्वाद प्राप्त हो सके। साथ ही डुबकी कम से कम 5 बार लगाना चाहिए और साबुन एवं शैम्पू का इस्तेमाल नही करना चाहिए।
नोट :- कुंभ में स्नान के बाद बड़े हनुमान जी और नाग वासुकि जी का दर्शन जरुर करना चाहिए। मान्यता है कि इनके दर्शन के बिना कुंभ स्नान अधूरा माना जाता है।
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बहुत-बहुत धन्यवाद, ऐसे जी और भी रोचक जानकारी के लिए जुड़े रहें|
Very interesting and important 😊
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