आज मैं आपके लिए प्रकृति में पाए जाने वाले एक ऐसे फूल, जो किसी वरदान से कम नही है, के बारे में बताने जा रही हूँ। “अपराजिता” उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाना वाला एक फूल है, जो औषधीय गुणों से भर-पूर होता है। यह फूल देखने में जितना खुबसूरत होता है उससे ज्यादा इसके फायदे है। अगर आप इसे अपने घर के आंगन या बालकनी में लगाते है, तो इसके दो फायदे होते है। एक तो आपका आंगन या बालकनी देखने में खुबसूरत लगता है और दूसरा इसके औषधीय गुणों के कारण स्वास्थ संबंधी फायदे भी मिलते है। तो चलिए बिना देर किए हुए जानते है, अपराजिता के फायदे और नुकसान के बारे में।
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अपराजिता क्या है? Aprajita kya hai in hindi ?
अपराजिता एक सुन्दर सा दिखने वाला फूल है, जो ज्यादातर गर्मीयों के मौसम में खिलता है।इसका वानस्पतिक नाम “CLITORIA TERNATEA” है। इस फूल के पौधे के प्रत्येक हिस्से का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। यह फूल देखने में गाय के कान की तरह दिखता है, जिस कारण इसे “गोकर्ण फूल” भी कहा जाता है। इसके अलावे यह बटरफ्लाई पी (BUTTERFLY PEA) एवं नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है। थाईलैंड और वियतनाम में अपराजिता के फूल को “ब्लूमटर” या “एशियाई कबूतर पंख” के नाम से भी जाना जाता है।अपराजिता का पौधा बहुत ही कोमल और पतला होता है जिस कारण इसे ऊपर चढ़ने के लिए किसी अन्य वस्तु का सहारा लेना पड़ता है। यह नाइट्रोजन स्थिरीकरण (NITROGEN FIXING) करने वाला पौधा है, जो अपने जड़ों में नोड्स बनता है।
अपराजिता फूल के प्रकार :-
अपराजिता फूल दो रंगों में पाया जाता है सफ़ेद और नीला। नीले रंग की अपराजिता आसानी से सभी स्थानों में मिल जाती है, परंतु सफ़ेद रंग की अपराजिता का मिलना दुर्लभ माना जाता है। दोनों रंगों के फूलो का गुण एक ही समान होता है। ऐसा माना जाता है कि इस फूल का औषधीय गुण मनुष्य के संचार तंत्रिका और मानसिक कार्यप्रणाली को अच्छे तरीके से प्रभावित करता है।
अपराजिता के फायदे (Aparajita benefits in hindi)
अपराजिता से मिलने वाले स्वास्थ लाभ हमारी कल्पना से परे है। इसके फूल, पत्ते और जड़ें सभी का दवा (Medicine) के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। परन्तु इसके पत्तो का विशेषकर इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है, क्योंकि इसके पत्ते में आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटैशियम तथा विटामिन A, C, E प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। इसके साथ ही यह फाइटोन्यूट्रिएंट्स एवं ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। तो आइये अपराजिता के फायेद के बारे में विस्तार से जानते है।
1. त्वचा के लिए अपराजिता के फायदे :-
हरेक इंसान की इच्छा होती है कि उसकी त्वचा मुलायम और ग्लोइंग हो। ऐसे में जरुरी है की आप अपनी त्वचा की अच्छे से देखभाल करें, जिससे बदलते मौसम, प्रदूषण इत्यादी से होने वाले नुकसान से बचा जा सके। अपराजिता में एंथोसायनिन और एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो त्वचा के कोलेजन को बढाता है। जिसके परिणामस्वरूप त्वचा से मृत कोशिकाएं (Dead Cells) बाहर निकल जाती है और हमारी त्वचा खुबसूरत बन जाती है।
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2. गले की समस्याओं के लिए अपराजिता के फायदे :
अक्सर आपने महसूस किया होगा की बदलते मौसम में सर्दी-जुकाम, खांसी, गले दर्द एवं सूजन जैसी समस्याएं आम हो जाती है। ऐसे में अपराजिता का पत्ता बहुत ही कारगर साबित होता है। इसके पत्ते को पानी में गर्म करके सुबह-शाम गर्गल करें। जल्दी ही आपको इसके फायदे महसूस होने लगेंगे। अगर आपके गले में टॉन्सिलाइटिस या टॉन्सिल है और उसके कारण गले में दर्द हो रहा है, तो उसमे भी यह बहुत मददगार होता है।
3. पाचनतंत्र के लिए अपराजिता के फायदे :-
अपराजिता के सेवन से पाचनतंत्र मजबूत होता है। इसका बीज पेट या शरीर के आतंरिक अंगो को डिटॉक्सीफाई (Detoxify) करने में मदद करता है। अत: जिन लोगों की पाचन शक्ति कम होती है या पाचनतंत्र सुचारू रूप से काम नही करता है, वे इसके बीज के चूर्ण का इस्तेमाल दिन में दो बार कर सकते है। जिससे उनके पाचनतंत्र की समस्या बहुत हद तक दूर हो जाएगी।
4. अस्थमा के लिए अपराजिता के फायदे :-
अध्यननों के अनुसार अस्थमा के उपचार में अपराजिता बहुत ही उपयोगी है। इसमें एथनॉलिक नामक गुण पाया जाता है, जो अस्थमा को रोकने में बहुत ही कारगर साबित होता है।
5. बालों के झड़ने में अपराजिता के फायदे :-
आजकल बल झड़ने की समस्या आम हो गयी है। प्रदूषण, जीवनशैली में बदलाव, अधिक तनाव इत्यादि के कारण बल झड़ने लगते है। जिसके कारण लड़कों में गंजेपन की शिकायत होने लगती है। अपराजिता में एंथोसायनिन नामक एक तत्व पाया जाता है, जो सिर में रक्त परिसंचरण को बढाता है। साथ ही साथ खोपड़ी को मजबूत बनाता है, जिससे बालों के रोम में पोषण बढ़ता है और बालों का झड़ना कम हो जाता है। इसके साथ ही अपराजिता में फ्लेवोनाइड्स (Flavonoids) नामक तत्व भी पाया प्रचूर मात्रा में जाता है, जो बालों के ग्रोथ को बढाता है एवं उसे मजबूती प्रदान करता है।
6. कान एवं दांत के दर्द में अपराजिता के फायदे :-
कान के दर्द में अपराजिता का उपयोग बहुत ही लाभकारी होता है। इसके पत्ते को पीसकर कान के चारो तरफ लगाने से दर्द में तत्काल आराम मिल जाता है। अगर आपके दांतों में दर्द हो रहा हो तो, अपराजिता के जड़ो को पीसकर दर्द वाले दांत में लगा लें। कुछ ही समय में आपको दर्द से आराम मिल जायेगा।
7. ह्रदय के लिए अपराजिता के फायदे :-
ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए अपराजिता बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके बीज और जड़ो में ट्राईग्लिसाइड्स और कोलेस्ट्रोल को कम करने वाले यौगिक पाए जाते है। साथ ही साथ ये यौगिक शरीर में रक्त संचालन में भी मदद करते है। इसलिए ह्रदय की समस्याओं का सामना कर रहे व्यक्ति को अपराजिता का सेवन करना चाहिए।
8. तंत्रिका संबंधी विकार के इलाज में अपराजिता के फायदे :-
मानव शरीर में अच्छी चयापचय (Good Metabolism) महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अपराजिता में कुछ ऐसे यौगिक मौजूद होते है जो मेटाबोलिज्म को अच्छा रखने में सहायक होते है। सिजोफ्रेनिया जैसे तंत्रिका संबंधी विकार के इलाज में यह बहुत ही उपयोगी साबित होता है।
9. मूत्र रोगों के इलाज में अपराजिता के फायदे :-
आपने देखा होगा या सुना होगा कि कई सारे लोगों में मूत्र में जलन की शिकायत रहती है, वैसे लोग अपराजिता की जड़ के चूर्ण को गर्म पानी या दूध के साथ दिन में 2 से 3 बार सेवन करें। इससे मूत्र में होने वाली जलन ठीक हो जाएगी। साथ ही अगर मूत्राशय में पथरी की शिकायत हो तो उसमे में भी यह बहुत कारगर होता है।
10. डायबीटीज में अपराजिता के फायदे :-
वर्तमान समय में डायबीटीज एक आम समस्या बनती जा रही है, जिससे कम उम्र के बच्चे भी ग्रसित हो रहें है। ऐसे में अपराजिता डायबीटीज के मरीजों के लिए किसी चमत्कार से कम नही है। क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर/मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करती है। अपराजिता के फूल से बनी नीली चाय का सेवन यदि आप भोजन के तुरंत बाद में करते है, तो यह रक्त में शर्करा के स्तर को स्थिर बनाये रखती है।
11. माइग्रेन या अधकपारी में अपराजिता के फायदे :-
माइग्रेन या अधकपारी की समस्या बहुत ही गंभीर होती है। ऐसे में इसकी अनदेखी किसी अनचाहे समस्या का कारण भी बन सकती है। अक्सर लोग सर दर्द होने पर दर्द निवारक दवा (Pain Killer) का इस्तेमाल करते है, जो शरीर के लिए बहुत ही नुकसानदायक होता है। ऐसे में आप अपराजिता के फली, बीज और जड़ों को एक सामान मात्रा में लेकर पानी के साथ पीस लें और इसकी बूंदों को नाक में डाले। ऐसा करें से आपको दर्द से बहुत आराम मिलेगा।
12. घावो को धोने में अपराजिता के फायदे :-
जब कभी भी चोट लगता है या घाव होने पर उसमें सूजन या इन्फेक्शन होने का खतरा रह्ता है, ऐसे में अपराजिता बहुत उपयोगी साबित होता है। अपराजिता के पत्तों में वैज्ञानिक रूप से एंटी-इफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण पाया जाता है, जो संक्रमण को रोकने में बहुत कारगर होता है। इसलिए जब कभी चोट लग जाए या घाव के कारण इन्फेक्शन हो जाए तो अपराजिता के पत्ते को पीस कर घाव के ऊपर लगाए। इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।
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13. महिलायों के लिए अपराजिता के फायदे :-
आजकल भागदौड़ भरी जीवनशैली और अनियमित खान-पान के कारण महिलायों में अनियमित मासिकधर्म की समस्या आम हो गई है। ऐसे में अपराजिता के फूलों से बना नीली चाय (Blue Tea) का सेवन बहुत लाभकारी होता है।
नीली चाय बनाने की विधि :-
सबसे पहले एक कप पानी को थोडा गर्म कर लें। फिर इसमें 3-4 अपराजिता के फूल को डाल दें और कुछ देर तक उबलने दे। इसके पश्ताच इसे कप में छान ले और इसमें एक चम्मच शहद मिला कर गरमा-गर्म पिये।
14. तनाव काम करने में अपराजिता के फायदे :-
कई लोग अपने दैनिक जीवन में तनाव या डिप्रेशन का सामना करते है। घर या ऑफिस में काम की वजह से या अन्य कारणों से भी लोगों में तनाव या डिप्रेशन हो जाता है। अपराजिता के पत्ते का इस्तेमाल करके इसे कम किया जा सकता है। क्योंकि अपराजिता के पत्ते में एंटी डिप्रेशन गुण पाए जाते है, जो मस्तिष्क को शांत करके तनाव मुक्त करने में मदद करता है।
15. वजन कम करने में अपराजिता के फायदे :-
अपराजिता के फूल से बनी नीली चाय वजन को कम करने में काफी कारगर होता है, क्योंकि इस नीली चाय में ईजीसीजी, एपिगैलोकैटेचिन गैलेट पाया जाता है, जो चयापचय (Metabolism) को बढ़ावा देकर कैलोरी-बर्निंग प्रक्रिया को तेज करता है। जिससे शरीर का बढ़ा हुआ वजन कम होने लगता है।
16. कैंसर के इलाज में अपराजिता के फायदे :-
अपराजिता के पौधे में क्यूएरसेटिन (Quercetin) नामक यौगिक पाया जाता है, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है।
अपराजिता के नुकसान (Aparajita Disadvantage in hindi) :-
वैसे तो अपराजिता का उपयोग सुरक्षित माना जाता है, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन कभी-कभी नुकसानदायक भी साबित हो जाता है। तो आइये जानते है की किन-किन परिस्थितियों में अपराजिता का सेवन नही करना चाहिए।
* गर्भवती महिलाएं डॉक्टर्स या हर्बल विशेषज्ञ के परामर्श के बिना अपराजिता का सेवन ना करें।
* जो महिलाएं अपने बच्चे लो दूध पिलाती है, उन्हें अपराजिता का सेवन नही करना चाहिए।
FAQ :-
अपराजिता से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. अपराजिता का पौधा कब लगाया जाता है?
अपराजिता का पौधा लगाने का सही समय बसंत ऋतु का मौसम होता है, जब तापमान 18 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच हो।
2. अपराजिता का दूसरा नाम क्या है?
अपराजिता को आयुर्वेद में विष्णुक्रान्ता, गोकर्णी इत्यादि नामों से जाना जाता है।
3. अपराजिता का फूल किस भागवान को चढ़ाया जाता है?
नीले रंग की अपराजिता का फूल भगवान विष्णु, शिव, शनि और माता दुर्गा को अर्पित या चढ़ाया जाता है।
4. अपराजिता का पौधा किस दिशा में लगाना चाहिए?
वास्तुशास्त्र के अनुसार अपराजिता के पौधे को घर के पूर्व, उत्तर और उत्तर पूर्व दिशा में लगाना अति शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है की इस दिशा में अपराजिता को लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
5. अपराजिता का पौधा लगाने से क्या होता है?
वास्तुशास्त्र के अनुसार अपराजिता का पौधा घर में लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश ना के बराबर होता है।
6. अपराजिता फूल का क्या महत्त्व है?
अपराजिता के फूल, पत्ती एवं जड़ों का इस्तेमाल कई सारी बीमारियों के इलाज में घरेलू नुस्खे कर रूप में उपयोग किया जाता है।
जैसा की आपने देखा की अपराजिता एक अनमोल औषधीय पौधा है, जो बगीचे की खूबसूरती के साथ ही साथ स्वास्थ के लिए भी बहुत लाभकारी है। आप भी इस पौधे को अपने घर पर लगाए और इसके होने वाले फायेदे का लाभ उठायें।
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डिस्क्लेमर :- आर्टिकल में सुझाए गए घरेलू उपाय के तरीके केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
धन्यवाद
Atti uttam,Bahut hi aachi jankari Thank you so much,pls keep posting such helpful and unique information
Bahut-2 dhanywad mam. meir puri kosis rahegi aese hi unique jankari aap sabse share karti rahu.
Bahot useful and informative batein hai.