“ महाप्रसादजननी सर्वसौभाग्यावर्धिनी आधिव्याधि जरामुकतम तुलसित्वान्न्मोस्तुते “
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तुलसी क्या है? Tulsi kya hai in hindi
दोस्तों क्या आप जानते है की तुलसी का छोटा सा पौधा हमारे लिए कितना लाभकारी है, तुलसी एक औषधि के रूप में भी अति महत्वकारी है। सनातन धर्म के अनुसार तुलसी का पौधा विष्णुप्रिया के रूप में भी पूजा जाता था। इसलिए तुलसी के पौधे को धार्मिक पावन और शुद्ध माना जाता है। पौराणिक महता के अनुसार तुलसी की हिन्दू परिवारों में पूजा की जाती है। इसे सुखदायिन और कल्याणकारी भी कहा जाता है। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार तुलसी भगवन राम, हनुमान जी और विष्णु जी को अति प्रिय है और विशेषकर उन्हें चढाया भी जाता है। तुलसी औषधीय रूप में भी अत्यंत लाभकारी है। आयुर्वेद में इस पौधे के हर भाग को स्वास्थ के लिहाज से भी बहुत फायदेमंद बताया गया है। तुलसी की जड़, पत्त्त्ती और बीज सभी का अपना-अपना महत्त्व है।
आमतौर पर घरों में दो तरह की तुलसी देखने को मिलती है।
* किस-किस रोग में लाभकारी है तुलसी का पौधा ?
तुलसी की घरेलू उपचार में उपयोगिता :- तुलसी में चमत्कारी हीलिंग गुण मुख्य रूप से इसमें अवश्यक तेलों और मौजूद Phytonutrients से आते है। तुलसी में उत्कृष्ट एंटीबायोटिक, रोगाणुनाशक, कवकनाशी तत्त्व है, यह बहुत ही कुशलता से हमारे शरीर को सभी प्रकार के बैक्टीरियल, वाइरल और फंगल संक्रमणों से बचाता है।
* बुखार में तुलसी का उपयोग:-
बुखार |
यह मुख्य रूप से प्रोटोजोवा (मलेरिया), बैक्टीरिया (टायफायड), वायरल फ्लू और एलर्जी वाले कवको और पदार्थो के संक्रमण के कारण होता है। यू तो बुखार एक बीमारी नही अपने आप में एक लक्षण है जो यह दर्शाता है की हमारा शरीर कम दिखाई देनेवाले संक्रमणों से लड़ रहा है, यदि बुखार हो तो तुलसी के पतों और फूलो का काढ़ा बनाकर पीने से अत्यधिक लाभ होता है।
* सर्दी-खाँसी में तुलसी का उपयोग :-
सर्दी-खाँसी दम फुलने, फेपड़ो के रोग और साँस की दुर्गन्ध को दूर करने में तुलसी बहुत ही सहायक होती हैं। इसका सेवन ब्रोंकाईटिस में भी अति लाभकारी हैं। अस्थमा के बीमारी में कफ को जमने नही देता जिससे साँसो में तकलीफ नही होती हैं। Phytonutrients और आवश्यक तेल इसमें मौजूद अन्य खनिजो के साथ-साथ अस्थमा के कुछ अन्तर्निहित कारणों को भी ठीक करने में मदद करते हैं।
नोट:- सर्दी-खाँसी, हल्के बुखार में मिश्री, काली मिर्च और तुलसी के पत्ते को पानी में अच्छी तरह से पकाकर उसका काढ़ा पीने से फायदा होता है। इसकी गोलियाँ भी बनाकर खाई जाती है।
* ओरल केयर में तुलसी का उपयोग :-
ओरल केयर की परेशानी हो या मुहँ से बदबू की, तुलसी एक माउथ फ्रेशनर का भी काम करता है। इसकी ताजगी बहुत लंबे समय तक रहती है। यह लगभग 99 % बैक्टीरिया को मुहँ में ही नष्ट कर देती है। इससे मुहँ के छाले भी ठीक हो जाते है। यहाँ तक की तुलसी मुहँ के कैंसर को भी बढ़ने से रोकने में सहायता करता है। दांतों की कैविटी, प्लाक टेंटर और ख़राब साँस के बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है। इसे अगर दांतों पे सीधे-सीधे चबाया जाए तो यह मुहँ के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।
* सिरदर्द में तुलसी का उपयोग :–
सर्दी-खाँसी, माइग्रेन, साइनस, के करण यदि सिरदर्द हो तो तुलसी के सेवेन से यह दूर हो सकता हैं क्योकि इसमें पाया जाने वाला कैफीन और सिनौल में उतकृष्ट एनालजेसिक एवं किटानुनाशक गुण होते हैं।
*यौन रोग में तुलसी का उपयोग :–
यह पुरुषों में यौन रोगों एवं महिलाओ में अनियमित माहवारी (पीरियड्स) की परेशानियों को दूर करने में मदद करता है। जिन पुरुषों को शारीरिक कमजोरी की समस्या हो उन्हें तुलसी के बीज का सेवेन करना चाहिए। इससे यौन-दुर्बलता और नपुंसकता भी दूर हो जाती हैं। जिन महिलायों को अनियमित माहवारी (पीरियड्स) की समस्या होती है यदि वे तुलसी के बीज एवं पत्तो का नियमित सेवेन करे तो बहुत लाभकारी होगा।
*किडनी स्टोन में तुलसी का उपयोग :-
गुर्दे की पथरी (किडनी स्टोन) में भी तुलसी बहुत लाभकारी साबित होता हैं, क्योकि तुलसी एक डिटाँक्सि फायर एवं हल्का मूत्रवर्धक होने के करण शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद करता हैं, जो कि मुख्य गुर्दे (किडनी) की पथरी (स्टोन) का मुख्य कारक होता हैं। तुलसी मूत्र स्राव को बढाकर गुर्दा को साफ करने में भी मदद करता हैं। तुलसी के तेल में एसिडिक एसिड पाया जाता हैं जिसमे दर्द निवारक क्षमता होती है जिस कारण यह पथरी के दर्द को कम करने में सहायक होता हैं।
*त्वचा के लिए तुलसी की उपयोगिता :-
दोस्तों अगर त्वचा में संक्रमण की परेशानी होती हो तो इसका पेस्ट बनाकर लगाने से या इसे पानी में मिलाकर नहाने से संक्रमण दूर हो जाता है। तुलसी के पत्तों के सेवन से या इसके तेल को त्वचा पर लगाने से मछ्छर या अन्य कीटों के काटने से कोई असर नही होता है। इसका कोई साइड इफ़ेक्ट नही होता है, चाहे आन्तरिक या बाहरी दोनों में से जिस प्रकार इसका सेवन करे।इसके तेलों में अत्यधिक एंटीबायोटिक, किटाणुनाशक जिवाणुरोधी और एंटीफन्गल है। इसमें पाए जानेवाले कैफीन के करण यह ठंडक प्रदान करता है। इसके पतों को तिल के तेल में मिलाकर पीसकर प्रभावित जगह पर लगाने से भी ठीक हो जाता है।
मधुमेह के रोगियों के लिए भी तुलसी फायदेमंद होती है, इसके सेवन से टाइप 2 के मरीजो के शरीर में इन्सुलिन का प्रवाह सामान्य हो जाता है। वैज्ञानिको का ये मानना है की तुलसी में एंटी डायबेटिक गुण होते है। इसिलिए तुलसी को भोजन से पहले और भोजन के बाद भी लेने से ब्लड ग्लूकोस के स्तर को कम करती है। तुलसी में (Flavonoid) फ़्लेवोनोइद्स ट्राईटरपेन एवं सैपोनिन जैसे कई फैटोकेमिकल्स होते है, जो हाइपोग्लैसेमिक के तौर पे काम करते है, जिससे शुगर को नियँत्रित करने में मदद मिलती है। इसलिय मधुमेह (Diabetics) के रोगी को इसकी पतियों का सेवन अवश्य करना चाहिए।
*फेसपैक बनाने में तुलसी का उपयोगिता :-
* तुलसी के नुकसान :–
दोस्तों क्या आप जानते है की इतनी गुणकारी तुलसी के नुकसान भी होते है, आइए हम बताते है की क्या – क्या नुकसान होते है।
अन्तत: दोस्तों आपसे यही कहना है की तुलसी का उपयोग कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर अवश्य करे। यह हमारे लिय उपयोगी, फलदायी और रोगनिवारक है। यह हिन्दू धर्म में और सनातन धर्म में भी सदा से ही पूजनीय है, क्योकि यह विष्णुप्रिय पावनकारी और सर्व शुद्धरुपा है। इसका प्रयोग प्रसाद के रूप में भी किया जाता है क्योकि ये भगवान कृष्णा को भी अति प्रिय है। यूं तो तुलसी प्रत्येक घर में उपलब्ध होती है फिर भी आज के समय में बाजार में तुलसी का अर्क या उसका रस और कैप्सूल भी आसानी से उपलब्ध है। विभिनन कंपनियों के द्वारा ये बाजार में उपलब्ध करायी जा रही है, जिनमे मुख्या रूप से पतंजलि, vestige, श्री हरी इत्यादि, जिनके अपने ऑनलाइन वेबसाइट भी है। दोस्तों आप इसका सेवन जरुर करे और इसका लाभ उठाये। दोस्तों आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी कैसी लगी, कमेंट करें। यदि जानकारी अच्छी लगे तो प्लीज़ अपने दोस्तों को शेयर कीजिएगा। यदि जानकारी में कोई कमी लगे तो उसे भी सूचित कीजिएगा जिससे की आने वाली आर्टिकल में ठीक करने की कोशिश करुँगी।
हेलो दोस्तों, मै नवेदिता कुमारी “अच्छी and healthy जानकारी” की author हूँ | मेरे इस ब्लॉग पर आपको heath, beauty, lifestyle, Devotional (धार्मिकता से जुड़े), curiosity से जुड़ी सभी जानकारी मिलेगी, जिसे आमतौर पर आप google में ढूढ़ते है |
Bagut hi sundar aur upyogi jankari.
Danyavad iss upyogi article ke liye