देश के कई हिस्सों में मानसून का आगमन हो गया है। अगले कुछ दिनों में यह देश के लगभग हिस्सों तक पहुँच जाएगा। यह एक ऐसा मौसम होता है जब प्रकृति हरी-भरी हो जाती है, जो उसके सुन्दरता में चार चाँद लगा देता है। अगर आप भी बारिश की फुहारों में भीगना और प्रकृति की खूबसूरती को महसूस करना चाहते हैं ऐसे मैं आपको देश की ये तीन (3) Monsoon Destinations के बारे में बताने जा रही हूँ जहाँ आप इस मौसम का भरपूर मजा ले सकते है।
Contents-कंटेंट्स
Three Best Monsoon Destination
1. कोडाईकनाल, तमिलनाडु
कोडाईकनाल दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले के पलानी पहाड़ियों के बीच स्थित एक हिल स्टेशन है, जो प्राकृतिक खूबसूरती का जीता जागता उदाहरण है। यह समुद्र तल से लगभग 7000 फीट (2133 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित है। मानसून कोडाईकनाल का तमिल भाषा में अर्थ है “जंगल का उपहार”। चिलचिलाती गर्मी से बचने और मानसून का मजा लेना चाहते है तो आपको कोडाईकनाल की यात्रा जरुर करनी चाहिए। कोडाईकनाल भारत के बेस्ट मानसून Destination में से एक है।
कोडाईकनाल में घुमने वाले जगहें kodaikanal me ghumne wale jagahen in hindi :
ऐसे तो कोडाईकनाल में घूमने लायक खूबसूरत पर्यटन स्थल बहुत सारे हैं। तो आइये जानते है यहाँ के मुख्य पर्यटन स्थल के बारे में।
* कोडाईकनाल झील :-
यह मानव निर्मित झील है जो कोडाई झील के नाम से भी जाना जाता है। मानव निर्मित यह झील कोडईकनाल में काफी लोकप्रिय है। इस झील की आकृति तारे के सामान है और लगभग 60 एकड़ के क्षेत्र में फैली हुई है। इसके चारों तरफ की हरियाली पर्यटकों को बहुत ही आकर्षित करती है।
* बीयर शोला फॉल :-
यह एक बेहत खूबसूरत पिकनिक स्थल है, जो कोडाईकनाल झील से 2 किमी दुरी पर स्थित है। यह शांत और शांतिपूर्ण जलप्रपात प्रकृति प्रेमियों को बहुत ही ज्यदा लुभाती है। यहां पर अक्सर भालूओं को पानी पीते हुए देखा जा सकता है। इसी कारण इस स्थान का नाम बीयर शोला रखा गया।
* ग्रीन वैली व्यू :-
ग्रीन वैली व्यू मैदानी इलाकों और पहाड़ियों का मनोभावक दृश्य प्रस्तुत करता है। यह कोडईकनाल झील से 5.5 किमी की दूरी पर स्थित है। इसे “सुसाइड प्वाइंट” के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यहां खतरनाक घाटी है जो 5000 फीट से भी ज्यादा गहराई में है।
* कोकर्स वॉक :-
इस स्थान का नाम कोकर्स वॉक लेफ्टिनेंट कोकर के नाम पर पड़ा, जिन्होंने कोडई का मानचित्र तैयार किया था। कोकर्स वॉक एक मानव निर्मित 1 किलोमीटर लंबा चलने वाला प्लाजा है जो पहाड़ियों पर बनाया गया है।यहाँ से मैदानों के खूबसूरत नजारे देखे जा सकते हैं।
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* बेरिजम झील :-
यह खूबसूरत झील प्राकृतिक सुंदरता से भरा एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है। इस झील की खोज और सुधार कार्य ब्रिटिश आर्मी के कर्नल हेमिल्टन द्वारा 1864 ई. में किया गया था। पेरियाकुलम शहर के लोगों पानी के लिए मुख्य रूप से इस झील पर ही निर्भर है|
* कुरिन्जी अंदावर मंदिर :-
यह पवित्र मंदिर भगवान मुरूगन को समर्पित है। भगवान मुरूगन को पहाड़ों का देवता माना जाता है। इस मंदिर से उत्तर के मैदानों और पलानी की पहाड़ियों का भव्य नजारा देखा जा सकता है।
* शेनबागानूर संग्रहालय :-
यहां का आर्किडोरियम भारत के सबसे बेहतर आर्किडोरियम में से एक माना जाता है।
कोडाईकनाल कैसे जाए? Kodaikanal kaise jaye in hindi
हवाई मार्ग
यदि आप हवाई मार्ग से जाना चाहते है तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट मदुरै में है, जो कोडईकनाल से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ से बस या टैक्सी के माध्यम से कोडईकनाल पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग
यदि आप रेल मार्ग से जाना चाहते है तो नजदीकी रेलवे स्टेशन कोडई रोड़ रेलवे स्टेशन है जो 80 किलोमीटर दूर स्थित है।
सड़क मार्ग
कोडईकनाल सड़क मार्ग से जाना बहुत ही आसान है। आप भाया चेन्नई, बेंगलुरु, त्रिची, कोयंबटूर, और मदुरै के रास्ते कोडईकनाल पहुँच सकते है।
2. दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल
वैसे तो दार्जिलिंग हर मौसम के लिए परफेक्ट है लेकिन बारिश में यहां के पहाड़ अधिक प्रभावी और आकर्षित करते हैं। दार्जिलिंग भारतीये राज्य पश्चिम बंगाल में हिमालय की चोटियों से घिरा हुआ एक बेहत ही खुबसूरत हिल स्टेशन है जो अपनी प्राकृतिक सुन्दरता से देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। दार्जिलिंग दो शब्दों दोर्जे (बज्र) और लिंग (स्थान) के मेल से बना है। इसका अर्थ होता है ब्रज का स्थान| सन 1835 में अंग्रेजो ने इसे हिल स्टेशन के रूप में विकसित किया था। यह हिल स्टेशन चाय की खेती और दार्जिलिंगहिमालयन रेलवे के रूप में प्रशिद है जिसकी स्थापना अंग्रजो के द्वारा की गई थी।दार्जिलिंग बांग्लादेश, भूटान, तिब्बत एवं नेपाल की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से जुड़ा हुआ है।
दार्जिलिंग के पर्यटन स्थल Darjeeling ke paryatan asthal in hindi :-
ऐसे तो दार्जिलिंग में घूमने लायक खूबसूरत पर्यटन स्थल बहुत सारे हैं। तो आइये जानते है यहाँ के मुख्य पर्यटन स्थल के बारे में।
* दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे :-
दार्जिलिंग हिमालय रेलवे, भारत की उन 3 पर्वतीय रल परियोजना में से एक है जिससे यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है। दार्जिलिंग हिमालय रेल को “टॉय ट्रेन” के नाम से जाना जाता है। जितने भी पर्यटक यह आते है उनमें से लगभग तो तिहाई पर्यटक कही जाए या न जाए पर टॉय ट्रेन का सफ़र जरुर करते है। क्योंकि इस ट्रेन की सवार्री से प्राकृतिक हरियाली की मनमोहक दृश्य का अवलोकन करने को मिलता है। इस ट्रेन की शुरुआत 1800 ईश्वी के आसपास हुई थी, जिसकी लम्बाई 78 किलोमीटर है। जिसमें 13 स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी टाउन, सिलीगुड़ी जंक्शन, सुकना, रंगटंग, तिनधरिया, गयाबाड़ी, महानदी, कुर्सियांग, टुंग, सोनादा, घुम और दार्जिलिंग पड़ते हैं। इस मार्ग पर पड़ने वाला घुम रेलवे स्टेशन भारत का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन है।
* पदमाजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क :-
पदमाजा नायडू हिमालयन जूलॉजिकल पार्क पशु-प्रेमियों के लिए बहुत ही खूबसूरत जगह है। इस पार्क में अलग-अलग प्रजाति के जानवरों का संग्रहण देखने को मिलेगा। इस पार्क में दिखने वाले जानवरों की बात की जाए तो भौकने वाला हिरण, पाला मैकॉ, लाल पांडा, तेंदुआ, तीतर, हिमालय मोनाल, हिमालयन बुल्फ आदि प्रमुख हैं।
* दार्जिलिंग रोपवे :-
दार्जिलिंग रोपवे बहुत ही यहाँ आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बिन्दु है क्योकि इस रोपवे से आप पूरे दार्जिलिंग की खूबसूरती एवं भव्यता के साथ हरे-भरे चाय के बगानों का आनंद ले सकते है।
* टाइगर हिल :-
टाइगर हिल दार्जिलिंग का एक पर्यटन स्थल है, जो अपने सनराइज के लिए फेमस है।यह दार्जिलिंग से 13 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है कंचनजंघा की पहाड़ियों से उगते हुए सूर्य की रंग-बिरंगी किरणें बेहद खुबसूरत लगती है।
* बतासिया लूप :-
बतासिया लूप दार्जिलिंग शहर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक ट्रेन मार्ग है जिसका निर्माण हिमालय की ऊंचाई को कम करने के लिए बनाया गया था। इसके साथ ही इसके बनाने के पीछे एक और मकसद था, गोरखा सैनिकों को याद करना। यहाँ से आप कंचनजंघा की बर्फीली पहाड़ियों की खूबसूरती का दीदार कर सकते है।
* सिंगालीला राष्ट्रीय उद्यान :-
यह राष्ट्रीय उद्यान दार्जिलिंग से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 7000 फीट है। यह उद्यान विशेष कर दुर्लभ विदेशी लाल पांडा और हिमालय के काले भालू के निवास स्थान के रूप में प्रसिद्ध है।
दार्जिलिंग कैसे जाएं Darjeeling kaise jaye in hindi
हवाई मार्ग
यदि आप हवाई मार्ग से जाना चाहते है तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट बागडोगरा है, जहां से दार्जिलिंग हिल स्टेशन की दूरी लगभग 70 किलोमीटर है। यहाँ से टैक्सी के माध्यम से दार्जिलिंगपहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग
यदि आप रेल मार्ग से जाना चाहते है तो नजदीकी रेलवे स्टेशन नई जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन है जो लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित है। यह से आप बस, टैक्सी या टॉय ट्रेन से दार्जिलिंगपहुंच सकते है।
सड़क मार्ग
यह शहर सिलीगुड़ी से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।
3. शिलांग, मेघालय
शिलांग पूर्वोत्तर भारतीय राज्य मेघालय की राजधानी है। इसे पूर्व के स्कॉटलैंड के नाम से भी जाना जाता है। शिलांग तो वैसे भी बेहद खुबसूरत शहर है लेकिन मानसून के दौरान यहाँ की खूबसूरती चार गुनी हो जाती है। जैसा की इसके नाम से से ही साफ होता है मेघालय यानि मेघों का घर| मानसून के दौरान यहां की पहाड़ियों पर फैली हरियाली आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। शिलांग में जो बारिस की दीदार होगी वह निश्चित रूप से आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बना देगी।
शिलांग के पर्यटन स्थल Shillong ke paryatan asthal in hindi
ऐसे तो शिलांग में घूमने लायक खूबसूरत पर्यटन स्थल बहुत सारे हैं। तो आइये जानते है यहाँ के मुख्य पर्यटन स्थल के बारे में।
* शिलांग पीक :-
यह शिलांग का सबसे ऊंचा प्वाइंट है, जो समुद्र तल से 6449 फीट (1965 मीटर) की दूरी पर स्थित है। यहां से आप पुरे शहर एवं हिमालय के पहाड़ियों की खूबसूरती का दीदार कर सकते है।
* लेडी हैदरी पार्क :-
यह शिलांग के लाबन क्षेत्र में स्थित विभिन्न प्रकार के फूलों से सुसज्जित जापानी शैली में बना एक खूबसूरत पार्क है। इस पार्क का नाम असम के पूर्व राज्यपाल की पत्नी लेडी हैदरी के नाम पर रखा गया है। यहां एक छोटा चिड़ियाघर और अनेक प्रजातियों की तितलियों का संग्रहालय है। इस पार्क में घुमने के साथ-स्थ बोटिंग का भी आनंद ले सकते है।
* हाथी झरना :-
इस झरने का नाम इसके तल पर स्थित चट्टान जो एक हाथी की तरह दिखाई देता है, के नाम पर पड़ा है। इस झरने के चारो तरफ हरियाली ही हरियाली है जो मन को बेहद आच्छादित करते है।
* कैलांग रॉक:–
मेरंग-नोखलॉ रोड पर ग्रेनाइट की एक ऊंची और विशाल चट्टान है जिसे कैलांग रॉक के नाम से जाना जाता है। यह एक गोलाकार गुम्बदनुमा चट्टान है जिसका व्यास लगभग 1000 फुट है।
* डॉन बॉस्को संग्रहालय:-
मेघालय की जनजातीय संस्कृति एवं इतिहास के बारे में पूरी जानकारी इस संग्रहालय में देखने को मिलेगी। स्वदेशी संस्कृतियों से जुदा एशिया का सबसे बड़ा संग्रहालय है।
* उमियाम झील :-
यह एक मानव निर्मित बेहद ही खुबसूरत झील है जो प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है। इस झील का निर्माण पावर प्रोजेक्ट के अंतर्गत कृत्रिम डैम बना कर किया गया है। यहां पर आप वाटर स्पोर्ट्स का आनंद ले सकते है।
शिलांग कैसे जाएं Shillong kaise jaye in hindi
हवाई मार्ग
यदि आप हवाई मार्ग से जाना चाहते है तो सबसे नजदीकी एयरपोर्ट शिलांग है लेकिन यह एयरपोर्ट देश के सभी एयरपोर्ट से अभी नही जुड़ा हुआ है। इसलिए आप गुवाहाटी एयरपोर्ट जो शिलांग से लगभग 120 किलोमीटर की दूरी पर है वहां से बस या टैक्सी से शिलांग पहुंच सकते है।
रेल मार्ग
यदि आप रेल मार्ग से जाना चाहते है तो नजदीकी रेलवे स्टेशन गुवाहाटी रेलवे स्टेशन है। किलोमीटर दूर स्थित है। यह से आप बस, टैक्सी या टॉय ट्रेन से दार्जिलिंगपहुंच सकते है।|
सड़क मार्ग
यह शहर गुवाहाटी से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही सिलचर, आइजोल और अगरतल्ला से भी आप बस या टैक्सी से शिलांग पहुंच सकते है। यदि आप मानसून का भरपूर मजा लेना चाहते है तो इस तीन मानसून Destination का visit बिना किसी झिझक के कर सकते है।
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हेलो दोस्तों, मै नवेदिता कुमारी “अच्छी and healthy जानकारी” की author हूँ | मेरे इस ब्लॉग पर आपको heath, beauty, lifestyle, Devotional (धार्मिकता से जुड़े), curiosity से जुड़ी सभी जानकारी मिलेगी, जिसे आमतौर पर आप google में ढूढ़ते है |
Kya achhi jankari mili aapse wo bhi is monsoon season me mai jarur kisi destination ko visit karunga again thank you mam for giving a sweet and helpful knowledge for who want to travelling.