Hypertension (उच्च रक्तचाप) : लक्षण, कारण, प्रबंधन और उपचार – Hypertension In Hindi

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Hypertension

 उच्च रक्तचाप क्या होता है ? what is Hypertension in Hindi  :-  

Hypertension  या उच्च रक्तचाप एक ऐसी स्थिति है जिससे धमनी की दीवारों पे रक्त का बल अधिक हो जाता है। यह अंततः ह्रदय रोग जैसे स्वास्थ्य समस्याओ के कारको में परिवर्तित हो जाता है। रक्तचाप ह्रदय द्वारा पंप किय गए रक्त की मात्रा और आपकी धमनियों द्वारा प्रस्तुत प्रतिरोध पर निर्भर करता है। जब आपकी रक्तवाहिकाए संकीर्ण होती है तो रक्तचाप बढ जाता है। प्रायः 120/80 को ही सामान्य रक्तचाप माना जाता है। 

ब्लडप्रेशर रीडिंग अधिक होने पर भी ज्यादातर लोगो में उच्च रक्तचाप के कोई लक्षण नही होते है। कुछ लोगो में इस तरह के लक्षण दिखते है जैसे हल्के सिरदर्द, चक्कर आना, नोसलबिड्स (नाक बहना), साँस लेने में तकलीफ, नजरो या आँखों की समस्या इत्यादि। 130/80 से ऊपर का रक्तचाप ही उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन कहलाता है। मतलब ये है की धमनियों में उच्चचाप (तनाव) है। उच्च रक्तचाप का अर्थ यह नही है की अत्यधिक भावनात्मक तनाव हो। ये सत्य है की भावनात्मक तनाव एवम् दबाब अस्थाई तौर पर रक्त के दाब को बढा देते है। सामान्यतः रक्तचाप 120/80 तथा 139/89 के बीच के रक्त का दबाब पूर्व उच्च रक्तचाप या प्री हाइपरटेंशन कहलाता है और 140/90 या उससे अधिक का रक्तचाप उच्च या अधिक माना जाता है।

उच्च रक्तचाप के लक्षण | Symptoms of Hypertension in Hindi  :-

ब्लडप्रेशर रीडिंग अधिक होने पर भी ज्यादातर लोगो में उच्च रक्तचाप के कोई लक्षण नही होते है। कुछ लोगो में इस तरह के लक्षण दिखते है जैसे हल्के सिरदर्द, चक्कर आना, नोसलबिड्स (नाक बहना), साँस लेने में तकलीफ, नजरो या आँखों की समस्या इत्यादि। 130/80 से ऊपर का रक्तचाप ही उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन कहलाता है। मतलब ये है की धमनियों में उच्चचाप (तनाव) है। उच्च रक्तचाप का अर्थ यह नही है की अत्यधिक भावनात्मक तनाव हो। ये सत्य है की भावनात्मक तनाव एवम् दबाब अस्थाई तौर पर रक्त के दाब को बढा देते है। सामान्यतः रक्तचाप 120/80 तथा 139/89 के बीच के रक्त का दबाब पूर्व उच्च रक्तचाप या प्री हाइपरटेंशन कहलाता है और 140/90 या उससे अधिक का रक्तचाप उच्च या अधिक माना जाता है। उच्च रक्तचाप से ह्रदय रोग (Heart Disease), गुर्दे (kidney) की बीमारी, धमनियों का सख्त हो जाना, आंखे खराब होना और मस्तिष्क की बीमारी (Brain Hemorrhage) होने का जोखिम भी बढ जाता है।युवाओ में ब्लडप्रेशर की समस्या का मुख्या कारण उनकी अनियमित जीवनशैली और गलत खानपान होते है। यदि चक्कर आये  सिरदर्द हो, साँस में तकलीफ हो, नींद न आये, शिथिलता बनी रहे, कम मेहनत करने से या मेहनत नहीं करने से जो साँस फूलने की समस्या और नाक से खून गिरने जैसे लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से जाँच करानी चाहिय, क्योकि ये लक्षण संभवतः उच्च रक्तचाप के हो सकते है।

उच्च रक्तचाप के कारण Causes of Hypertension in Hindi 

  • चिंता
  • क्रोध
  • इर्ष्या
  • भय या डर लगने जैसे मानसिक विकार
  • पेट और पेशाब सम्बंधित पुरानी बीमारी होना, श्रमहीन जीवन या शारीरिक मेहनत किये बिना बने खाद्य पदार्थ, फ़ास्ट फ़ूड का सेवन करना, मसाले, तेल-घी, आचार, शराब, सिगरेट इत्यादि का सेवन करना जैसे इन सभी कारणों से भी उच्च रक्तचाप की समस्या होने की सम्भावना अधिक होती है।
  • उच्च रक्तचाप को रोकने का पूरा प्रयास करना चाहिए या अगर हो गया हो तो उसका इलाज महत्वपूर्ण है, जिससे कि रक्तचाप को सामान्य करके जटिलताओ को रोकने का प्रयास किया जा सके। डॉक्टरों के अनुसार उच्च रक्तचाप के रोगियों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। इससे दिल के दौरे की आशंका एक चौथाई कम हो सकती है, वही मस्तिकघात (Brain hemorrhage) की भी संभावना 40 प्रतिशत कम हो सकती है। कनाडा के शोधकर्ता रोंस डी फेल्ट मैन का भी यही मानना है, साथ ही फार्मेकोजी विभाग, कोलोन विश्वविधालय, जर्मनी में हुई एक शोध के अनुसार चाक्लेट खाने, कॉफ़ी एवं हरी चाय पीने से भी यह नियँत्रित रहता है।
  • क्रोनिक किडनी रोग – क्रोनिक किडनी रोग (CKD) उच्च रक्तचाप का एक सामान्य कारक है क्योकि किडनी द्रव को सही तरीके से फ़िल्टर नही कर पाता है।यह अतिरिक्त तरल पदार्थ उच्च रक्त की ओर ले जाता है।

उच्च रक्तचाप को जन्म दे सकनेवाली स्थितियों में क्या-क्या शामिल है 

मधुमेह, गुर्दे की समस्या औत तंत्रिका क्षति के कारण, गुर्दे की बीमारी फियोक्रोमोसाईटोमा, एक अधिवृक्क ग्रंथि का दुर्लभ कैंसर कुशीन्ग सिंड्रोम जो कोर्तिकोस्तेरोइद्स ड्रग्स का करण हो सकता है। जन्मजात अधिवृक्क हाइपरप्लासिया, कार्टिसोल-स्रावी अधिवृक्क ग्रंथियों का एक विकार अतिगलग्रंथिता या एक अतिसत्क्रिय थायोरोइड ग्रंथि हाइपर पैराथाइरॉइड, जो कैल्शियम और फास्फोरस के स्तर को प्रभावित करता है। जैसे – गर्भावस्था, स्लीपयेप्पनिया, मोटापा इत्यादि।इस तरह के कितने ही कारणों से उच्च रक्तचाप का खतरा बढ जाता है। 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगो में उच्च रक्तचाप अधिक आम है।प्लाक बिल्डअप के कारण धमनियों के सख्त और संकुचित होने से रक्तचाप उम्र के साथ लगातार बढ सकता है। जातीयता: कुछ जातीय समूह दूसरो की तुलना में उच्च रक्त्चाप से ग्रस्त है। उदहारण स्वरुप अफ़्रीकी अमेरिकियों में अन्य जातीय समूहों की तुलना में अधिक जोखिम है।

* शराब और तम्बाकू का उपयोग :- नियमित रूप से बड़ी मात्रा में शराब या तम्बाकू का सेवन करने से रक्तचाप बढ सकता है।मौजूदा स्वास्थ्य की स्थिति ह्रदय रोग, मधुमेह, क्रोनिक किडनी रोग और उच्च कैलोस्ट्रोल के स्तर उच्च रक्तचाप को जन्म दे सकता है, खासकर लोगो की उम्र के रूप में।

* लक्षण :- क्या आप जानते है की उच्च रक्तचाप वाले व्यक्ति में बिना किसी लक्षण दिखे भी वह मृत्यु के मुहँ तक जा सकता है । उच्च रक्तचाप हृदय रक्त वाहिकायो और अन्य अंगो को नुकसान पहुचा सकता है, जैसे की गुर्दे और यह सब पता भी नहीं चल पाता है, मतलब की हमे पता भी नही चल पाता की हमारे अन्दर कोई बीमारी पल रही है और हम इससे ग्रसित भी हो जाते है, इसिलिए रक्तचाप की नियमित जाँच कराना महत्वपूर्ण है। कुछ दुर्लभ और गंभीर मामलो में उच्च रक्तचाप के कारण पसीना अधिक आना, घबराहट होना नींद न आना जैसी समस्याएं होती है। हालाकि उच्च रक्त्चाप वाले अधिकांश लोगो को कभी-कभी कोई लक्षण भी नही दिखता। यह बीमारी अधिक ग्रसित कर ले तो उस व्यक्ति को सिरदर्द और नाक बहने जैसा अनुभव होता है। लंबे समय तक यह बीमार एन्थ्रोरोस्केल्रोसिस के माध्यम से जटिलताओ का कारण बन सकता है जहाँ रक्तवाहिकाओ की दीवारों पर पट्टिका विकसित होती है, जिससे वो संकीर्ण हो जाते है।यह संकुचन उच्च रक्तचाप को बदतर बनता है, क्योकि रक्त वाहिकाओ को प्रसारित करने के लिय ह्रदय को कठिन पम्प करना चाहिए। उच्च रक्तचाप से सम्बंधित एन्थ्रोरोस्केल्रोसिस हो सकता है, दिल की विफलता और दिल का दौरा धमनी की दीवार में धमनीविस्फार, किडनी खराब अघात विचेदन, आंख में उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रेटिनोपेथी जिससे अंधापन हो सकता है नियमित रूप से रक्तचाप की निगरानी लोगो को इन अधिक गंभीर जटिलताओ से बचने में मदद कर सकता है।

प्रबंधन और उपचार Management and Treatment of Hypertension in Hindi  :-

सही जीवन शैली को अपनाकर हम इस बीमारी से दूर रह सकते है और जिन्हें हो गया हो वो इसके प्रभाव को कम कर सकते है आइए हम इन्ही कुछ सिफारिशों को रेखांकित करते हैं :-

*नियमित शारीरिक व्यायाम

 

उच्च-रक्तचाप-हाइपरटेंशन-क्यों-होता-है

वर्तमान दिशा निर्देशों के अनुसार उच्च रक्तचाप वाले सभी लोगो को कम से कम 150 मिनट की मध्यम तीव्रता, हर सप्ताह एरोबिक या इसके जैसे व्यायाम या फिर ज्यादा तेजी से किये जाने वाले 75 मिनट के व्यायाम को सप्ताह में 3 दिन अवश्य करना चाहिए। उपयुक्त गतिविधियाँ जैसे पैदल चलना, साईकिल चलाना, सीढियाँ चढ़ना, तैराकी करना और धीमे धीमे दौड़ लगाना इत्यादि।

* आहार

 

उच्च-रक्तचाप-हाइपरटेंशन-क्यों-होता-है

पौष्टिक और स्वास्थ्यपूर्ण आहार के पालन से उच्च रक्तचाप को रोका जा सकता है, आइए हम इसके बारे में जानने की कोशिश करते है।

* नमक का सेवन कम करना

दुनिया भर के अधिकांश देशो में लोगो का इससे सम्बंधित स्वस्थ्या समस्याओ के जोखिम को कम करने मे मदद करने के लिय प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक के सेवन करने की सलाह देता है। नमक का सेवन कम करने से हाइपरटेंशन के साथ और भी लाभ होते है।

* कम वसायुक्त भोजन के साथ फल और सब्जियों का अत्यधिक उपयोग

जिन लोगो को उच्च रक्तचाप होता है उन लोगो को जितना संभव हो सके उतना कम से कम वसा का उपयोग करना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है की वसायुक्त भोजन की जगह साबुत अनाज और उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थो जैसे की फल और सबजिया, बीन्स, दालों और नट्स  का उपयोग करना चाहिए। इसके साथ ही मछली का उपयोग सप्ताह में कम से कम दो बार अवश्य करना चाहिए क्योकि इसमें ओमेगा 3 भरपूर मात्रा में पाया जाता है। कुछ वसा जैसे जैतून का तेल और मछली का तेल ह्रदय के लिय सुरक्षात्मक होते है। हलाकि इसमें भी वसा पाया जाता है लेकिन इसमें पाए जानेवाली वसा अच्छी होती है और स्वास्थ्य के लिय जरूरी होती है । इसिलिए इन पदार्थो का उपयोग जरुर करना चाहिए।

* शराब का सेवन कम करना

शराब के अधिक सेवन से रक्तचाप बढ़ने का खतरा बढ जाता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएसन पुरुषो के लिय एक दिन में अधिकतम  दो बार ही पीने की सलाह देती है। साथ ही महिलाओ को अधिकतम एक बार। अंततः शराब का सेवन न करना ही अच्छा होता है।

* हाइपरटेंशन में उपयोगी तुलसी

दोस्तों क्या आप जानते है की हाइपरटेंशन या ब्लडप्रेशर में तुलसी का सेवन बहुत ही लाभकारी होता है। तुलसी में पायी जानेवाले परिवर्तनशील तेल भी ब्लडप्रेशर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती है। तुलसी में पायी जानेवाली रासायनिक युजिनॉल में ऐसी विशेषता होती है की वो रक्तवाहिकाओ को मजबूत करने वाले पदार्थो को अवरूध करने में सक्षम होती है। यदि रोगी की रक्तवाहिका संक्रमित नही हो तो उसका ब्लड स्मूथ रहने के साथ साथ ब्लड प्रेशर भी नार्मल रहेग।

दोस्तों हाइपरटेंशन में कुछ बातो का ध्यान रखकर हम इसके दुस्प्रभाव से होने वाले अनेक रोगों से बचे रह सकते है इसलिए दोस्तों पहले तो ये कोशिश करे की हाइपरटेंशन की परेशानी ही न हो और अगर ये हो भी जाये तो कुछ बातो का ध्यान रखकर हम इससे होनेवाले दुस्प्रभावो से बच सके इसी के साथ दोस्तों मुझे आप सबसे ये कहना है की मेरी जानकारी और मेरा पोस्ट आपको अच्छी लगे तो इनका सेवन अवश्य करे और मुझे अपना प्यार और सपोर्ट जरुर दे

धन्यवाद  

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